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ब्राह्मण की बेटी : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय (बांग्ला उपन्यास) प्रकरण 1 मुहल्ले में घूमने-फिरने के बाद रासमणि अपनी नातिन के साथ घर लौट रही थी। गाँव की सड़क कम चौड़ी थी, उस ...